तज्ञ सदस्य- वैद्य सौ अभया शशिकांत देवधर - BAMS (१९७४)
- वैद्य शशिकांत राजाराम देवधर - MFAM (१९७३)
- डॉ संजीवन शशिकांत देवधर - MBBS (२०००) MSc (Pharma. Medicine)
- वैद्य सौ वैदेही संजीवन देवधर – BAMS (2002) MD (AM)
तज्ञ मार्गदर्शक - सौ वंदना फडके – MA, BEd आचार्य परिषद सदस्य पुनरुत्थान विद्यापीठ
- वैद्य हितेशजी जानी - (समर्थ भारत अभियान)
- श्रीमती इन्दुमतिजी काटदरे -(कुलपति – पुनरुत्थान विद्यापीठ)
- श्रीमती पूर्णिमाताई मंडलीक - (योग विद्या धाम )
- श्रीमान गोविंद प्रभू - (आंतरराष्ट्रीय कृष्ण भावनामृत संघ)
परंपरा- वैद्य बिंदुमाधव शास्त्री पंडित – आयुर्वेद सेवा संघ,
- संस्थापक, आयुर्वेद महाविद्यालय प्रथम प्राचार्य
प्रशिक्षण एवं पुरस्कार
वैद्य वैदेही देवधर – - २००१ से शुद्ध आयुर्वेद चिकित्सा.
- २००३ – पंचकर्म प्रशिक्षण, साने गुरुजी रुग्णालय मालेगाव
- २००६ – ‘आई मी होणार’ – गर्भ संस्कार तथा गर्भवती परिचर्या पर प्रथम पुस्तिका,
- २०११ – समर्थ भारत केंद्र, जामनगर गुजरात से विशेष प्रशिक्षण
कार्य व्याप्ती- गर्भविज्ञान केंद्र स्थापना – २०१२ (नाशिक)
- गर्भविज्ञान चिकित्सा पुणे – २०१२
- गर्भविज्ञान चिकित्सा मुंबई – २०१३
केंद्रिय विचार गर्भविज्ञान के ज्ञान से (आयुर्वेद पंचकर्म, आहार शास्त्र, अष्टांग योग तथा संस्कार शास्त्र) गर्भधारणा से पूर्व से ही अभिभावकों को शरीर मन एवं संकल्प से सिद्ध कर और गर्भवती परिचर्या से उत्तम संतान से समर्थ भारत निर्माण में सहायभुत होना |
सांख्यिकी – दम्पति संख्या
- पुणे - ३००
- मुंबई - ३००
- महाराष्ट्र - २००
- भारत - १५०
- अंतरराष्ट्रीय - १००
परिणाम
- नैसर्गिक प्रसूति,
- सुगम प्रसूति में वृद्धि
निसंतानता, पुनरावर्ती गर्भपात की संभावनाओ में कमी. - संतुष्ट अभिभावक
- आनंदी गर्भवती
- द्वितीय शिशु हेतु अनुकूल मानसिकता